मिट्टी की खुशबू ऐसी, धरती से जुड़ गए हम, मिट्टी की खुशबू ऐसी, धरती से जुड़ गए हम,
वाह क्या बरसात आई है। वाह क्या बरसात आई है।
दुआ माँगते जल्द-से-जल्द आएं ख़ुशियों की बरसात। दुआ माँगते जल्द-से-जल्द आएं ख़ुशियों की बरसात।
गिरती बूंदे धरती पर छम छम बरसात तपन अगन से छुटकारा प्रकृति का वरदान।। गिरती बूंदे धरती पर छम छम बरसात तपन अगन से छुटकारा प्रकृति का वरदान।।
नींद नहीं नयनों में सपने छल -छल जाते हैं , सर्दी की बरसातों में वो याद हमें बहुत आते। नींद नहीं नयनों में सपने छल -छल जाते हैं , सर्दी की बरसातों में वो याद हमें ब...
सुबह-शाम सर्दी की और गर्मी की दोपहर। सुबह-शाम सर्दी की और गर्मी की दोपहर।